तनिष्क
Monday, 20 February 2012
फकीरीपन
अपनी इच्छा
खो चुकने के बाद
स्वाद हीन
नाद रहित
अस्पृश्य जीवन
जीने को विवश
वह
होना नहीं चाहता
अपनी इच्छा
खोना नहीं चाहता
ललकारता है
उनके बनाए कानून
तोड़ता है
फकीरीपन ओढ़ता है।
1 comment:
RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्मा
said...
है कौन वह विभूति?
20 February 2012 at 00:58
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1 comment:
है कौन वह विभूति?
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